2025 के मध्य में केंद्र सरकार ने GST 2.0 नीति लागू की, जिसमें कई तरह की दरों में simplification और cess हटाने की बात की गई। इस बदलाव के बाद, ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक हलचल मची है — विशेषकर कारों एवं कुछ दोपहिया मॉडलों में।
खरीदारों के लिए अब सवाल ये है: “मेरी पसंदीदा मॉडल की कीमत अब कितनी होगी?”, “क्या वही छूट मिलेगी?”, “क्या बड़े वाहनों की कीमतें भी घटीं?”।
इस बदलाव का असर सिर्फ टैक्स दरों पर नहीं, बल्कि ब्रांडों की रणनीति, छूट नीति, नए लॉन्च एवं प्रतिस्पर्धा पर भी दिखने लगा है। आइए गहराई से देखते हैं मॉडल-वार कीमतों में कैसे बदलाव हो रहा है — और किस खरीददार को क्या फायदा या नुकसान हो सकता है।
GST 2.0: टैक्स स्लैब में क्या बदलाव हुआ?
पहले भारत में वाहन टैक्स की संरचना जटिल थी — GST 28 % + अतिरिक्त cess (17–22 %) जैसी बोझ होती थी, खासकर बड़े वाहनों पर।
अब नए नियमों के अनुसार, छोटे कारों (जिनका आकार 4 मीटर या उससे कम और इंजन ≤ 1200 सीसी पेट्रोल या 1500 सीसी डीजल) पर GST दर घटकर 18 % हो गई है, और cess को हटा दिया गया है।
दूसरी ओर, जो कारें पहले 50 % तक टैक्स एवं cess के अधीन थीं, उन्हें अब 40 % GST स्लैब में रखा गया है — यानि cess हटने से कुल कर बोझ पहले से कम हुआ है।
इस परिवर्तन के कारण, कई छोटे और मिड-रेंज मॉडलों की कीमतों में उल्लेखनीय कटौती हुई है, जबकि बड़े व लक्जरी मॉडल भी थोड़ा लाभ उठाने में सक्षम हुए हैं।
इसी बैकड्रॉप में, अब हर ब्रांड अपनी मॉडल-वार नई कीमतें जारी कर रहा है, कभी-कभी छूट के रूप में, कभी “नई ex-showroom कीमत” के रूप में।
Maruti की मॉडल-वार छूट और नई कीमतें

Maruti Suzuki ने GST 2.0 लागू होते ही अपने कई Arena मॉडल्स पर बड़े कटौती की घोषणाएँ की हैं।
उदाहरण स्वरूप:
मॉडल | पुरानी कीमत* | नई कीमत | कटौती / छूट | टिप्पणी |
---|---|---|---|---|
Alto K10 | ₹4,23,000 | ₹3,69,900 | ≈ ₹1,07,600 | लगभग 25 % की कटौती |
S-Presso | ~ ₹4,26,500 | ₹3,49,900 | ~ ₹1,29,600 | बेहतर छूट (≈ 30 %) |
Wagon R | ~ ₹5,78,500 | ₹4,98,900 | ~ ₹79,600 | मध्यम कटौती |
Swift | ~ ₹6,49,001 | ₹5,78,900 | ~ ₹84,600 | लोकप्रिय मॉडल में बड़ी राहत |
Dzire | ~ ₹6,84,001 | ₹6,25,600 | ~ ₹87,700 | सेडान ग्राहकों को लाभ |
Fronx (SUV) | — | कटौती ~ ₹1,12,600 | — | SUV श्रेणी में प्रमुख कटौती |
“पुरानी कीमत” = GST 1.0 व cess लागू कीमत (ex-showroom)
इन आंकड़ों को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि Maruti ने छोटे मॉडल्स को अधिक स्लाइस में छूट दी है। S-Presso या Alto K10 जैसे मॉडल में लगभग 25–30 % तक की कटौती करना ग्राहकों के लिए बड़ा आकर्षण है।
प्रैक्टिकल असर:
अगर आप रोज़ाना 20–30 किमी शहर में चलते हैं, तो कम कीमत का फायदा शुरुआत में ही दिखेगा — डाउन पेमेंट, EMI, बीमा शुल्क आदि कम होंगी। वहीं बड़े एसयूवी या सीडान में, टैक्स में कमी हुई, लेकिन अन्य लागत (जैसे टायर, मेंटेनेंस) वहीँ रहेगी।
अन्य ब्रांडों में मॉडल-वार बदलाव: Tata, Honda, MG, Mahindra आदि
GST 2.0 लाने के बाद Maruti अकेला नहीं है — अन्य ब्रांडों ने भी बड़े बदलाव किए हैं।
- Tata Motors ने घोषणा की है कि ग्राहक ऊपर से ₹2 लाख तक की छूट पा सकते हैं, जिसे उन्होंने GST राहत + additional discount के रूप में पेश किया है।
- Honda ने Amaze, Elevate और City मॉडल्स पर ~ ₹1.2 लाख तक की कटौती की घोषणा की है।
- MG Motor India ने अपनी SUV रेंज पर ₹2.83 लाख तक की छूट दी है।
- Mahindra, Toyota, Hyundai समेत अन्य ब्रांडों ने भी कटौती की लिस्ट जारी की है, और इन छूटों की सीमा ₹65,000 से लेकर ₹8.9 लाख तक बताई जा रही है।
इन उदाहरणों से पता चलता है कि ब्रांड सिर्फ टैक्स बदलाव के अनुसार ही नहीं, बल्कि प्रतिस्पर्धा बढ़ाने, बिक्री को बढ़ावा देने के लिए मॉडल-वार अलग-अलग छूट दे रहे हैं।
EV और हाइब्रिड मॉडल: कीमत पर असर और चुनौतियाँ
नई GST नीति में EV (Electric Vehicles) और हाइब्रिड सेगमेंट को भी अलग से देखा गया है।
Maruti ने हाल ही में e-Vitara नामक EV का निर्माण शुरू किया है, जो “Made in India, for Global Export” रणनीति का हिस्सा है।
EVs पर पहले से ही सब्सिडी योजनाएँ थीं, और अब टैक्स सरलीकरण से उनकी लागत बेहतर होगी। लेकिन चूंकि EV निर्माण में बैटरी, rare earth मैटेरियल्स की लागत अधिक है, इसलिए पूरी तरह टैक्स कटौती ग्राहकों को प्रत्यक्ष नहीं मिल सकती।
हाइब्रिड मॉडल्स, जैसे Grand Vitara Strong-Hybrid या City Hybrid, अब 40% GST पर आएँगे — पहले वो 43% (GST + cess) के अधीन होते थे।
इसका मतलब है कि इन मॉडलों पर भी टैक्स का बोझ थोड़ा कम हुआ है, जिससे EV/hybrid रेंज को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकता है।
कौन कितनी छूट पा रहा? तुलना और उपयोगकर्ता राय

छोटी कारें (Alto, Wagon R, S-Presso, Swift आदि) सबसे अधिक छूट पा रही हैं — 50,000 से लेकर 1.3 लाख तक की बचत।
SUVs में भी Brezza, Fronx आदि मॉडलों को ~30,000–1,12,600 तक की राहत मिली है।
लक्ष्य यह है कि किस मॉडल की कीमत बनाम उसकी कीमत (value proposition) बेहतर बनी — एक प्रकार से “छूट + फीचर्स” की जंग।
उपभोक्ता के नजरिए से:
- “मुझे साथी-वार्षिक मेंटेनेंस कम चाहिए, और EMI भी कम होनी चाहिए” — इस सोच वाले ग्राहक छोटे मॉडलों पर स्केल कर रहे हैं।
- “SUV लें या बड़ी कार? टैक्स में कमी हुई है, लेकिन रास्ते और फ्यूल पर खर्च वहीँ रहेगा” — यह सोच बड़ी कार चाहने वालों में है।
- EV/Hybrid में उत्सुकता बढ़ी है, लेकिन आस-पास चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और वास्तविक रेंज अभी बड़ी बाधा है।
कुछ कार उत्साही यह कह रहे हैं कि नए टैक्स के बाद “छूट का दबाव सभी ब्रांडों पर है” — मतलब, आज नहीं तो कल अन्य ब्रांडों को भी छूट देना पड़ेगी।
निष्कर्ष: ऑफर, चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
GST 2.0 ने भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में हलचल ला दी है — विशेषकर मॉडल-वार कीमतों में। छोटे और मिड-रेंज मॉडलों ने सबसे बड़ा लाभ उठाया, जबकि बड़े और लक्जरी वाहनों ने cess हटने से तौर-तरीका बदला है।
Maruti जैसे ब्रांडों ने जल्दी कदम उठाया और अपनी नई कीमतें घोषित कीं, जिससे बाजार में उनकी पकड़ और मजबूत हो सकती है। अन्य ब्रांडों ने भी छूट की रणनीति अपनाई है, ताकि ग्राहक उन्मुख बने रहें।
लेकिन चुनौतियाँ बनी हुई हैं — EV/hybrid की लागत, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, मेंटेनेंस, ब्रांड लॉयल्टी, और ग्राहक की अपेक्षाएँ।
यदि आप कार लेने की योजना बना रहे हैं, तो तुरंत अपनी पसंदीदा मॉडल की नई ex-showroom कीमत और छूट स्थिति चेक करें, और तुलना करें कि कौन सा मॉडल आपके बजट और उपयोग के लिहाज से सही रहेगा।
आगे की राह यह होगी कि बाजार में प्रतिस्पर्धा और तेज़ होगी, फीचर्स बढ़ेंगे, और कीमतों का अंतर धीरे-धीरे कम होगा। लेकिन अभी, इस GST 2.0 की लहर में, ग्राहक ही सबसे बड़े विजेता बन सकते हैं — अगर ठीक-ठीक समय पर फैसला लें।